Hastmaithun Kya Hai?

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Hastmaithun Kya Hai?
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हस्तमैथुन क्या होता है?

कामोत्तेजना जागृत होने पर जब स्त्री या पुरूष के पास अपनी कामेच्छा को शांत करने

का कोई विकल्प या साधन उपलब्ध नहीं होता, तब इस स्थिति में वे अपनी कामेच्छा को शांत कर करने के लिए

कई बार हस्त द्वारा अपने प्राइवेट पार्ट को छूकर, सहलाकर या घर्षण करके वीर्य स्खलित कर लेते हैं।

इस पूरी क्रिया को ही हस्तमैथुन कहा जाता है।

आप यह हिंदी लेख sexsamasya.com पर पढ़ रहे हैं..

क्या हस्तमैथुन करना सही है?

वैसे तो हस्तमैथुन करना एक सामान्य प्रक्रिया है, जोकि अक्सर युवा वर्ग में देखने को मिलती है।

क्योंकि बढ़ती उम्र में विपरित लिंग की ओर आकर्षित होने के कारण

उनके(स्त्री व पुरूष) मन में एक-दूसरे के अंगों के बारे में जानने व देखने की तीव्र जिज्ञासा होती है।

जिस कारण वह जाने-अनजाने उत्तेजित होकर हस्तमैथुन का सहारा लेने लगते हैं।

लेकिन, कभी-कभार जैसे कि माह में एक यो दो बार हस्तमैथुन करना सही रहता है।

इससे अधिक बार हस्तमैथुन करना या बार-बार करना

भविष्य में गई सेक्स समस्याओं का जन्म दे सकता है

जिससे विवाहित जीवन की खुशियों में ग्रहण लगने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

इसलिए कहते हैं कि अति हर चीज की खराब होती है।

हस्तमैथुन का सही तरीका क्या है?

हस्तमैथुन जैसी अप्राकृतिक क्रिया में सही तरीका या गलत तरीका कुछ नहीं होता है।

बस स्त्री और पुरूष का स्वभाव अलग-अलग होने के कारण इसे करने का तरीका भी भिन्न हो जाता है।

जैसे कि पुरूष जब हस्तमैथुन करते हैं, तो वह अपने लिंग को रगड़ कर या आगे-पीछे घर्षण करते हैं।

महिलाएं ज्यादातर अपने क्लिटोरिस और योनि के आस-पास की जगहों को छूकर यौनसुख ढूंढती हैं।

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क्लिटोरिस क्या होता है?

महिलाएं की योनि के ठीक सामने एक मामूली छोटी-सी कोमल गांठ होती है

इसे ही क्लिटोरिस कहा जाता है। यह बहुत ही संवेदनशील पार्ट होता है महिलाओं में

जिसे छूने से ही स्त्री की उत्तेजना भड़क उठती है।

हस्तमैथुन में सावधानी?

Hastmaithun Kya Hai?
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जैसे कि हमने पहले भी कहा कि हस्तमैथुन एक सामान्य प्रक्रिया है

अगर एक हद में रहकर किया जाये। लेकिन कई पुरूषों की आदत होती है

कि वह हस्तमैथुन करते समय इतने जोश में आ जाते हैं, इतने उग्र हो जाते हैं

कि लिंग को तोड़ने-मरोड़ने लगते हैं, जिससे लिंग को नुकसान पहुंचने की संभावना बनी रहती है।

कई बार सूजन या चोट लग जाती है।

इसलिए पहले तो आपको चाहिए कि हस्तमैथुन की आदत से दूर रहें।

लेकिन फिर भी अगर आप माह एक या दो बार हस्तमैथुन करना चाहें

तो धैर्य पूर्वक और सामान्य गतिविध से हस्तक्रिया करते हुए ही वीर्य स्खलित करें।

किसी अन्य चीज का इस्तेमाल ना करें, वरना कई बार लिंग को गहरा नुकसान भी हो सकता है।

क्या हस्तमैथुन से शुक्राणुओं में कमी आती है?

जी नहीं, हस्तमैथुन का शुक्राणुओं की कमी पर कोई असर नहीं होता है।

दरअसल पुरूषों में शुक्राणुओं जन्म लेते रहते हैं, इसलिए इसमें कमी नहीं आती।

एक बार वीर्य स्खलित होने के बाद, दोबारा वीर्य स्खलित होने में थोड़ा समय जरूर लगता है

लेकिन इसके लिए यह धारणा बना लेना कि शुक्राणुओं में कुछ खराबी आ गई गलत है।

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