धातु रोग और नाईट फॉल का आयुर्वेदिक उपचार (Dhatu rog or nightfall ka ayurvedic upchar)
nightfall ki samasya हो या dhatu rog ki samasya हो। यह दोनों ही समस्याएं वीर्य विकार से जुड़ी होती हैं। इन दोनों ही समस्याओं में वीर्य की अनचाही बर्बादी होती है। जिसके कारण शरीर में वीर्य की कमी हो जाती है। वीर्य का पतलापन होना शुरू हो जाता है। जो आगे चलकर पुरुषों में यौन कमजोरी का कारण बन जाती है। बता दें कि स्वप्नदोष एक ऐसी समस्या है, जिसमें अनचाहे रूप में वीर्य आपके शरीर से बाहर निकल जाता है। यानी नींद में अश्लील सपना आने के कारण उत्तेजना आती है। इसके बाद वस्त्र में ही वीर्य स्खलित हो जाता है। जिसके कारण वस्त्र और बिस्तर दोनों खराब हो जाते हैं। इसी को नाईट फॉल की समस्या कहते हैं।
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ज्यादा नाईट फॉल होने से क्या होता है? (Jayada nightfall hone se kya hota hai?)
अत्यधिक नाईट फॉल होने से शारीरिक कमजोरी आने लगती है। शरीर अंदर से धीरे-धीरे खोखला होना शुरू हो जाता है। वीर्य के रूप में शक्ति बहने लग जाती है। जिसके कारण चिड़चिड़ापन, आलस, थकान कमजोरी, सिरदर्द बेचैनी। इस प्रकार की शिकायतें होने लगती हैं।
इसलिए वक्त रहते नाईट फॉल का इलाज जरूरी है। विशेषकर आयुर्वेदिक उपचार करना ज्यादा बेहतर रहता है। आयुर्वेदिक पूरी तरह सुरक्षित होता। बिना किसी दुष्प्रभाव के नाईट फॉल की समस्या को आयुर्वेदिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। दोबारा से वीर्य की भरपाई की जा सकती है। यौन शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।
आइए दोस्तों अब हम बात कर लेते हैं धातु रोग और स्वप्नदोष में क्या अंतर होता है..
नाईट फॉल और धातु रोग में अंतर
कई लोग धातु रोग और नाईट फॉल में फर्क महसूस नहीं कर पाते। इसलिए जब उन्हें धातु रोग होता है तो पूर्ण रूप से इसका इलाज नहीं कर पाते। ना ही अपने स्वप्नदोष से मुक्ति पाते हैं। कई लोग तो स्वप्नदोष और धातु रोग को एक ही तरह की समस्या समझ लेते हैं। जबकि दोनों में भिन्नता है। यह दोनों ही समस्याएं अलग-अलग हैं।
धातु रोग में अंतर
इस रोग में बिना अच्छा, यौन गतिविधि और उत्तेजना के वीर्य की बूंदे, तरल के रूप में लिंग से बहने लगती हैं। या टपकने लगती हैं। धातु रोग में बिना निंद्रा के या दिन में जागृत अवस्था में भी वीर्य बहने लगता है। विशेषकर पुरुषों को मूत्र त्याग के समय या मल त्याग के समय हल्का दबाव बनाने पर भी वीर्य बहने लगता है।
स्वप्नदोष में अंतर
नाईट फॉल की समस्या में वीर्य जो होता है, अनचाहे रूप से लिंग से बाहर निकल जाता है। यानी आप नींद में होते हैं। अश्लील सपने आते हैं। जिसके कारण होते अनचाही उत्तेजना आती है। परिणाम स्वरूप वीर्य वस्त्र में ही निकल जाता है। ये सब स्वप्नदोष में होता है। शायद अब आप स्वप्नदोष और धातु रोग में अंतर समझ गए होंगे।
धातु रोग और नाईट फॉल के लक्षण
नाईट फॉल और धातु रोग के लक्षणों की बात की जाए। तो दोनों ही रोग कम हैं और लक्षण ज्यादा हैं। जो अन्य सेक्स रोग के सूचक होते हैं। इशारा करते हैं कि आपको कोई अन्य सेक्स समस्या होने वाली है।
धातु रोग के लक्षण
- शारीरिक कमजोरी महसूस होना।
- कमर के नीचे के हिस्से में दर्द की समस्या रहना।
- अंडकोष अथवा पेरिनियम में दर्द की समस्या रहना।
- चक्कर जैसा महसूस होना।
- अंडकोष के आसपास पसीना आना।
- त्वचा में गर्मी और नमी दोनों ही समस्या बनी रहना।
- आलस, सिर दर्द, चिड़चिड़ाहाट, थकान महसूस होना।
नाईट फॉल के लक्षण
- अनिंद्रा की शिकायत यानी नींद की कमी।
- बेचैनी घबराहट महसूस होना।
- शरीर में वीर्य की कमी हो जाना।
- आलस व थकान महसूस होना।
- मूत्र त्याग में दर्द महसूस होना।
- सेक्स समस्या जैसे शीघ्रपतन रोग हो जाना।
- पेशाब के समय लिंग से चिपचिपा द्रव्य निकलते रहना।
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाना।
- आंखों के नीचे डार्क सर्कल बन जाना।
- आत्मविश्वास की कमी हो जाना।
आदि लक्षण नाईट फॉल के लक्षण में आते हैं।
स्वप्नदोष क्यों होता है?
नाईट फॉल के दो कारण होते हैं। एक मानसिक कारण। दूसरा शारीरिक कारण।
मानसिक कारण : इसमें सारा खेल ही दिमाग का होता है। इसलिए स्वप्नदोष के कारण की बात करें। तो उसका सबसे मुख्य कारण होता है आपके दिमाग में बसे अश्लील विचार। अश्लील समाग्री ज्यादा देखना है। गंदी पुस्तकें पढ़ना। हमेशा महिलाओं के बारे में कल्पना करना। उनके साथ मिलन के बारे में सोचना। ये गंदी चीजें आपके दिमागी कंप्यूटर में फिट हो जाते हैं। जब आप नींद में होते हैं, तो यह सारी चीजें ऑटोमेटिक रूप से स्वप्न में दृश्य के रूप में चलने लगती हैं। जो काम आप जागते हुए नहीं कर पाए थे। वो काम नींद आने पर स्वप्न में करने लगते हैं। जिसके कारण आप का वीर्य से नींद में ही बाहर निकल जाता है।
शारीरिक कारण : पेट में अधिक गर्मी हो जाना। गर्म चीजें ज्यादा खाना। तेज मसालेदार भोजन ज्यादा खाना। रात को देर से खाना खाने की आदत। पेट के बल सोना। बेवजह बार-बार लिंग को स्पर्ष करना। स्त्रियों के सम्पर्क में ज्यादा रहना। किसी स्त्री के द्वारा आपको बार-बार छूना। ये सब बातें कहीं ना कहीं बेवजह की उत्तेजना लाते हैं। आपको स्वप्नदोष के लिए प्रेरित करते हैं। जिसके कारण आपको रात को नाईट फॉल हो जाता है।
नाईट फॉल के नुकसान (Nightfall ke nuksan)
- शारीरिक कमजोरी आने लगती है।
- लिंग में ढीलापन की समस्या जाती है।
- वीर्य की कमी होना।
- वीर्य का पतलापन।
- शीघ्रपतन की संभावना बनी रहना।
- पसीना ज्यादा आने लगता है।
- पैरों या तलवों में जलन महसूस होने लगती है।
- पेट की शिकायत रहने लगती है।
- किसी किसी को तो गंजेपन की समस्या भी होना शुरू हो जाती है।
- आत्मविश्वास की कमी महसूस होने लगती है।
- एकांतमय जीवन पसंद आने लगता है।
स्वप्नदोष के घरेलू उपाय (Swapandosh ke gharelu upay)
- 50 ग्राम ताजे आंवले को लेकर। इनका रस आप निकाल लें। इस रस को शहद के साथ मिला लें। यह नुस्खा आपको सुबह खाली पेट सेवन करना है। एक हफ्ते के अंदर आपको नाईट फॉल की समस्या में आराम मिलना शुरू हो जायेगा। धीरे-धीरे आपकी सारी समस्याएं पूरी तरह ठीक हो जाएंगी।
- अगर आप धातु रोग की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं। तो आप एक बड़ा चम्मच आंवले का रस ले लें। इसमें समान मात्रा में शहद मिला लें। 5 से 7 ग्राम मिश्री के साथ इसे रोजाना लेने से 10 दिन के अंदर धातु रोग की समस्या खत्म हो जाती है।
- आंवले के चूर्ण में हल्दी मिलाकर इसे धीमी आंच पर हल्के से भून लें। भूनने के बाद उसमें पिसी हुई मिश्री को मिला लें। इस तैयार औषी को रोजाना सुबह खाली पेट आपको दो चम्मच की मात्रा में सेवन करना है। 4 से 5 दिन में स्वप्नदोष, धातु रोग और शीघ्रपतन की समस्या पूरी तरह ठीक हो जाएगी। वीर्य गाढ़ा होगा। वीर्य की क्वालिटी बढ़ेगी। आपकी यौन शक्ति में भी वृद्धि होगी।
धातु रोग और नाईट फॉल की आयुर्वेदिक दवा
काहन आयुर्वेदा (KAAHAN AYURVEDA) का नेचुरल आयुर्वेदिक प्रोड्क्ट ‘शुक्रवाह’ (SHUKRAWAH) का सेवन करने से। नाईट फॉल की समस्या जड़ से ठीक होती है। नाईट फॉल की बेस्ट आयुर्वेदिक दवा शुक्रवाह धातु रोग में भी प्रभावशाली है। प्राकृतिक जड़ी बूटियों से तैयार पाउडर है शुक्रवाह। जिसका किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इस औषधी में मौजूद जड़ी-बूटियां वीर्य की शक्ति बढ़ती है। वीर्य की क्वालिटी बढ़ाती है। वीर्य सफेद व गाढ़ा होता है। वीर्य में शुक्राणु बनने लगते हैं, जो पुरूषों में बांझपन की समस्या को भी दूर करते हैं। यौन शक्ति को बढ़ाते हैं। नाईट फॉल की समस्या को दूर करते हैं। सेक्स लाइफ को बेहतर तरीके से जीने में मदद करते हैं।
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नाईट फॉल और धातु रोग में परहेज
दोस्तों कोई भी बीमारी हो। कोई भी रोग हो। उसमें दवा के साथ-साथ परहेज भी आवश्यक होता है। तभी इलाज बेहतर तरीके से रिजल्ट देते हैं। आइए जानते हैं कि आपको धातु रोग और नाईट फॉल की समस्या में क्या परहेज करने चाहिएं?
- रात को सोने से पहले अश्लील सामग्री ना पड़े ना देखें।
- हस्तमैथुन कम करें अथवा छोड़ दें।
- तेज मसालेदार व गर्म चीजों का सेवन कम करें।
- कॉफी, चाय, ऑयली फूड, फास्ट फूड, का सेवन कम करें।
- रात को सोने के तुरन्त पहले पानी या विशेषकर गर्म दूध पीकर ना सोयें।
- पेट के बल ना सोयें।
- रात को अधिक देर तक ना जागें।
- समय पर सोयें और समय पर जागें।
- मदिरापान, धूम्रपान, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट जैसी नशीली आदतों को छोड़ दें।
- तंग वस्त्र पहनकर ना सोयें। ताकि लिंग पर दबाव ना बने।