प्रजनन क्षमत बढ़ाने के लिए ऐसे बढ़ायें स्पर्म काउंट (Infertility badhane or sperm count badhne ke upay)
कम स्पर्म काउंट (sperm count) का सामना कर रहे पुरूष जरूर पढ़ें।
अगर आप या आपका पार्टनर इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम का सामना कर रहे हैं।
तो यह जान लें कि आप अकेले नहीं हैं,
जो इस समस्या को फेस कर रहे हैं।
इनफर्टिलिटी (बांझपन) केवल आपकी समस्या नहीं है।
बल्कि इससे कई लोग प्रभावित होते हैं।
एक रिसर्च के अनुसार।
6 शादीशुदा जोड़ों में से लगभग एक जोड़ा इनफर्टिलिटी से प्रभावित होता है।
यह समस्या महिलाओं के लिए ही नहीं है,
पुरुष भी इससे प्रभावित होते हैं।
शुक्राणुओं की कमी एक मुख्य कारण है।
लेकिन हेल्दी डाइट, सप्लीमेंट डाइट,
और सही जीवनशैली के माध्यम से इस समस्या का समाधान संभव है।
आप यह हिंदी लेख SexSamasya.com पर पढ़ रहे हैं..
स्पर्म काउंट कम होने के कारण (Sperm count kam hone ke karan)
कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं लो स्पर्म काउंट के लिए।
यह एक कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम है, जो कई पुरूषों को परेशान कर सकती है।
हम नीचे हिंदी लेख में स्पर्म काउंट कम होने के कुछ जरूरी कारणों पर चर्चा कर रहे हैं।
मानसिक तनाव
बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना स्पर्म काउंट को कम कर सकते हैं।
ध्यान और योग से तनाव को कम किया जा सकता है।
इसका प्रभाव शुक्राणुओं के एकत्र होने की क्षमता पर हो सकता है।
रोग और इलाज
कई रोग और उनके इलाज भी स्पर्म काउंट पर असर डाल सकते हैं।
हाई ब्ल्ड प्रेशर, थायराइड और डायबिटीज, स्पर्म काउंट को कम कर सकते हैं।
शराब और धूम्रपान
कई पुरूष बहुत ज्यादा शराब और धूम्रपान का सेवन करते है।
ये बुरी लत भी लो स्पर्म काउंट का कारण बन सकती है।
इन आदतों पर काबू पाने से स्पर्म काउंट में सुधार हो सकता है।
वायरल इन्फेक्शन्स
वायरल इन्फेक्शन्स जैसे कि एचआईवी, हर्पीज,
या हेपेटाइटिस भी लो स्पर्म काउंट के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी
बिना पोषण वाली डाइट को अपनाना।
बहुत ज्यादा कैफीन और तली हुई चीजें खाना भी शुक्राणु की संख्या को कम कर सकते हैं।
उच्च तापमान
हाई टैम्प्रेचर जैसे कि हॉट टब्स या स्पा, भी स्पर्म काउंट को प्रभावित कर सकते हैं।
अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि आप कम शुक्राणु के शिकार हैं।
तो आपको एक प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
वह आपको सही ट्रीटमेंट बतायेंगे।
ताकि आप इस प्रॉब्लम का सटीक सॉल्यूशन पा सकें।
शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय
पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने और मेल इनफर्टिलिटी का ट्रीटमेंट करने के लिए नीचे 5 वैज्ञानिक तथ्य दिए गए हैं..
रोज एक्सरसाइज करें
ये तो एक्स्पर्ट भी मानते हैं कि रोज एक्सरसाइज करना हमारी हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है।
लेकिन शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि इससे आपके टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी बढ़ है।
जिससे आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।
जो पुरूष रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं।
उनके शरीर में वीर्य और स्पर्म की मात्रा उचित स्तर पर बनी रहती है।
और स्पर्म की क्वालिटी में भी सुधार होता है।
इसका यह मतलब भी नहीं है कि आप शारीरिक क्षमता से अधिक व्यायाम करने लगें।
इसके नकरात्मक प्रभाव भी आपको देखने को मिल सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो सकता है।
अगर आपके पास एक्सरसाइज के लिए टाइम नहीं है।
तो आप रेगुलर बॉडी एक्टिविटी करते रहें।
कोई न कोई वर्कआउट या मेहनत वाला कार्य करें।
विटामिन सी डाइट लें
इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए विटामिन सी वाली खुराकें लेना जरूरी होता है।
साथ ही विटामिन सी और दूसरे एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट,
इनफर्टिलिटी में सुधार कर सकते हैं।
आपको बता दें कि विटामिन सी से युक्त चीजें खाना या पीना।
शरीर में स्पर्म काउंट और उनकी गतिशीलत को बढ़ा सकता है।
इतना ही नहीं निल शुक्राणुओं की मात्रा को भी कम करने में मदद कर सकता है।
एक रिसर्च के अनुसार विटामिन सी स्पर्म क्वालिटी में भी सुधार ला सकता है।
बिना स्ट्रेस के रिलेक्स रहें
कई बार ज्यादा स्ट्रेस, सेक्सुअल एक्टिविटी पर असर डाल सकता है।
जिससे आपकी इनफर्टिलिटी कैपेसिटी को भी हानि पहुंच सकती है।
बिना स्ट्रेस लाइफ स्टाइल को अपनाना।
उतना ही आसान है जितना कि एक्सरसाइज करना।
मेडिटेशन करना। नेचर के बीच घूमना।
या फिर फैमिली और फ्रैंड्स के साथ टाइम बिताना।
जरूरी मात्रा में जिंक का सेवन करें
जिंक से भरपूर डाइट लेने से आपके टेस्टेस्टेरोन के लेवल
और स्पर्म काउंट में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
दरअसल जिंक ऐसा जरूरी खनिज है,
जो पुरूषों में उनकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है।
खनिज पाने के लिए मांस, अंडे, मछली जैसे खाद्य पदार्थों को
अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें – हस्तमैथुन की लत से होने वाले 6 गंभीर नुकसान
विटामिन डी की कमी पूरी करें
शरीर में विटामिन डी की कमी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
इसलिए पुरूष व महिला दोनों को विटामिन डी की बेहद जरूरत होती है।
ये एक ऐसा पोषक तत्व है,
जो आपकी बॉडी में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
इससे शुक्राणुओं की गतिशीलता में भी सुधार होता है।
वो बात अलग है कि इसके इफेक्ट को पू्रफ करने के लिए कोई रिसर्च नहीं है।